वर्ष २०१२ में प्रकाशित सप्तराग शिवकुमार अर्चन द्वारा संपादित संकलन है। इसमें १८२ पृष्ठ हैं, और इसका मूल्य है ३०० रुपये। ISBN है- १३-९७८-८१-९०६२७२-९-०
इस संकलन में गीतकविता की तीन पीढ़ियों का प्रतिनिधित्त्व हुआ है - एक ओर हैं श्री हुकुमपाल सिंह 'विकल' एवं श्री जंगबहादुर श्रीवास्तव 'बंधु', जो आयु एवं अपनी सुदीर्घ गीत-यात्रा की दृष्टि से छायावाद की परिधि को छूते है तो दूसरी ओर हैं उनके बाद की पीढ़ी के गीत की साखी देते भाई दिवाकर वर्मा, मयंक श्रीवास्तव एवं शिवकुमार अर्चन और उसके बाद के आज के समय के गीत के तेवर से रू-ब-रू कराते युवा कवि दिनेश प्रभात एवं मनोज जैन 'मधुर'। इन गीत कवियों का एक साथ उपस्थित होना गीत-नवगीत के बीच में उपजे सभी विवादों को एक साँझे संवाद की सुखद स्थिति में हमारे सामने प्रस्तुत करता है।