१५ जुलाई १९२७ को जनपद रायबरेली (उ.प्र.) के एक छोटे से गाँव धन्नीपुर (लालगंज) में जन्मे डॉ शिव वहादुर सिंह भदौरिया हिंदी के स्थापित रचनाकार है। सन १९४८ से अब तक कविताई करने वाला यह नवगीतकार सदैव ऊर्जा एवं ताजगी से भरा रहा है। प्राचार्य के पद से १९८८ में सेवानिवृत होकर आप लालगंज में निवास करते हुए साहित्य साधना करने लगे। आप 'नवगीत दशक' तथा 'नवगीत अर्द्धशती' के नवगीतकार तथा अनेक चर्चित व प्रतिष्ठित समवेत कविता संकलनों में आपके गीत तथा कविताएं प्रकाशित हो चुकी हैं।
प्रकाशित कृतियाँ[]
- शिन्जनी (गीत-संग्रह)
- पुरवा जो डोल गई (कविता संग्रह)
- नदी का बहना मुझमें हो (नवगीत संग्रह)
- लो इतना जो गाया (नवगीत संग्रह)
ध्रुव स्वामिनी (समीक्षा) ', , 'माध्यम और भी' (मुक्तक, हाइकु संग्रह), 'गहरे पानी पैठ' (दोहा संग्रह) आदि आपके ग्रन्थ प्रकाशित हो चुके हैं।दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, भोपाल, गोहाटी, अहमदाबाद, लखनऊ आदि आकाशवाणी केन्द्रों तथा दिल्ली, लखनऊ आदि दूरदर्शन केन्द्रों से आपकी रचनाएँ प्रसारित की जा चुकी हैं । राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आपको अनेको पुरस्कार-सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। संपर्क - ७७-साकेत नगर, लालगंज, रायबरेली (उ.प्र.)। संपर्कभाष- ०९४५००६०७२९ ।