२२ जुलाई १९३९ को बस्ती (अब सन्तकबीर नगर) के मलौली गांव में जन्मे माहेश्वर तिवारी ने विभिन्न नगरों (गोरखपुर, बनारस, होशंगाबाद, विदिशा आदि ) में अपने दीर्घकालिक प्रवास के दौरान न केवल गीत-नवगीत की पताका को फहराए रखा, बल्कि मुरादाबाद में स्थाई रूप से रच-बस जाने के बाद भी उनकी यह साधना जारी है।
प्रकाशित कृतियाँ[]
नवगीत संग्रह-
- हरसिंगार कोई तो हो (१९८०)(१९९१)
- सच की कोई शर्त नहीं
- नदी का अकेलापन
- फूल आये हैं कनेरों में
संकलनों में-
- पाँच जोड़ बाँसुरी
- एक सप्तक और
- नवगीत दशक दो
- यात्रा में साथ-साथ
- गीतायन
- स्वान्तः सुखाय