मधुकर अष्ठाना (जन्म-२७ अक्तूबर १९३९) नवगीतकारों में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
प्रकाशित कृतियाँ[]
नवगीत संग्रह-
- वक्त आदमखोर (२००५)
- न जाने क्या हुआ मन को (२००६)
- और कितनी देर (२००७)
- मुट्ठी भर अस्थियाँ (२००८)
- बचे नहीं मानस के हंस
- दर्द जोगिया ठहर गया (२००९)
- कुछ तो कीजिये (२०१३)
- हाशिये समय के (२०१५)
- खाली हाथ कबीर (२०१७)
- पहने हुए धूप के चेहरे (२०१८)
इसके अतिरिक्त भोजपुरी गीत संग्रह- सिकहर से भिनसहरा, गज़ल संग्रह- गुलशन से बयाबाँ सहित २६ काव्य संकलनों तथा निबंध संग्रहों के साथ उत्तरायण पत्रिका के सहयोगी संपादक, अपरिहार्य पत्रिका में अतिथि संपादक और अभिज्ञानम पत्रिका के उप संपादक। पुरस्कार व सम्मान- उ.प्र. हिन्दी संस्थान द्वारा साहित्य भूषण पुरस्कार, बलवीर सिंह रंग सम्मन तथा निराला नामित सम्मान, राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उ.प्र. द्वारा महादेवी वर्मा पुरस्कार एवं संस्था अक्षरा द्वारा डॉ. माहेश्वर तिवारी नवगीत सृजन सम्मान सहित अनेक सम्मान व पुरस्कार।
संप्रति- उत्तर प्रदेश सरकार के परिवार कल्याण विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद लखनऊ में स्वतंत्र लेखन।
मधुकर अष्ठाना की कृतियाँ
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वक्त आदमखोर | न जाने क्या हुआ मन को | और कितनी देर | मुट्ठी भर अस्थियाँ | दर्द जोगिया ठहर गया | कुछ तो कीजिये | हाशिये समय के | खाली हाथ कबीर | पहने हुए धूप के चेहरे |