Navgeet Wiki
Advertisement
Dinbadekasaleke

२०११ में प्रकाशित दिन बड़े कसाले के रचनाकार- आनंद तिवारी का नवगीत संग्रह है। इसके प्रकाशक हैं- उद्भावना प्रकाशन, एच ५५ सेक़्टर २३ राजनगर गाजियाबाद। मूल्य है १५० रुपये और इसमें १२० पृष्ठ हैं।

आनंद तिवारी का नवगीत संग्रह 'दिन बड़े कसाले के' अपने पुराने कपड़े उतार कर नए कपड़ों की माप दे रहा है। गाँव-गिराँव की दबी, दबाई जीवन नियति की आह है इसमें। सुख-दुःख की यथार्थता और संवेदना परत-दर-परत खुलती गयी है संग्रह की नवगीत कविताओं में। अदृश्य मुक्ति के आवेग में कहीं-कहीं कवि गीत का लेप भी लगाता गया है। आनंद छन्द की लय पर शब्द की अर्थवत्ता को वरीयता देते हैं। देशज बुंदेली शब्द, हिंदी के तत्सम-तद्भव तथा उर्दू भाइयों के साथ धमा-चौकड़ी मचाते हुए शब्द-चित्र उपस्थित कर देते हैं। ग्रामीण जीवन की गतिमयता में घुला ठहराव, आगे बढ़ने की आकांक्षा के साथ विरासत से जुड़े रहने का मोह आज ही कल को कल से जोड़ने की चाह इन नवगीतों को आम आदमी की रोजमर्रा की ज़िन्दगी की कशमकश की बानगी देकर मन्त्र मुग्ध कर देती है

बाह्य सूत्र[]

Advertisement