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Anjuribharpreeti

अँजुरी भर प्रीति

२०१४ में प्रकाशित अँजुरी भर प्रीति, रजनी मोरवाल का तीसरा नवगीत संग्रह है। -- गीतों के इस संग्रह में १३६ पृष्ठ हैं और इसका मूल्य है १७५ रुपये। प्रकाशक हैं- बोधि प्रकाशन, जयपुर।

रजनी आज के समय की एक जागरूक नारी हैं और उनके इस संग्रह में तमाम समकालीन प्रसंग और उनसे उपजे अहसास भी बड़ी शिद्दत के साथ प्रस्तुत हुए हैं। नई बिम्ब-छवियों से इस युवा कवयित्री ने अपनी इन गीत-कविताओं में आज के गीत के कहन-शिल्प की बखूबी बानगी दी है। ‘बदलती संस्कृति’, ‘बोझ उठाए अगली पीढ़ी’ और ‘नई सदी के कडुएपन में’ जैसी गीत-रचनाओं में रजनी ने आज के समय में बदलते जीवन-मूल्यों के तहत राजनैतिक. आर्थिक एवं सामाजिक संरचना में जो बदलाव आया है, उसका बड़ा ही सशक्त आकलन किया है।

बाह्य सूत्र[]

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