एक बूँद हम, रचनाकार- मनोज जैन मधुर का नवगीत संग्रह है। इसके प्रकाशक हैं- पहले पहल प्रकाशन भोपाल, मूल्य है २४० रुपये और इसमें १२० पृष्ठ हैं।
२०११ में प्रकाशित इस नवगीत संग्रह में ५२ रचनाएँ हैं, जो अपने विशिष्ट कथ्य और अछूती कहन की दृष्टि से अधिकांश गीतकवियों के कृतित्त्व से पूरी तरह अलग है। पिछली सदी के मध्य के अमरीकी कवि राबर्ट लावेल और उसके अनुनानियों की 'स्वीकारोक्ति कविता' (कॉन्फेशन पोएट्री) की कहन-भंगिमा वाली ये कविताएँ फिलवक्त की तमाम चिंताओं से हमें रू-ब-रू करती हैं। इनमें प्रतीक-कथन, जो कभी नवगीत की एक प्रमुख पहचान रही थी, विरल ही है -संभवतः यह इधर की आम विशुद्ध यथार्थवादी दृष्टि के कारण है। अपनी बात को सीधे-सीधे स्पष्ट कहने की प्रवृत्ति आज की पीढ़ी की खासियत है। उसी कहन-शैली को अपने इन गीतों में मनोज जैन ने अपनाया है।
बाह्य सूत्र[]
- एक बूँद हम कुमार रवीन्द्र भूमिका से।